RBI New Rules: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अब बैंकों को लोन से जुड़े नियमों में बदलाव करके सख्त निर्देश जारी किए गए हैं जिसके अनुसार अब छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए काफी प्रभाव पड़ेगा इससे संबंधित आरबीआई द्वारा नए सर्कुलर के अनुसार नए नियमों को जारी किया गया हैं अब बैंक को द्वारा एग्रीकल्चर और एमएसएमई लोन के लिए नए नियम जोड़े गए हैं जिसके अनुसार अब इस नियम से किसानों और व्यापारियों के लिए यह नियमों में बदलाव हुआ है। आरबीआई द्वारा समय-समय पर लोन से जुड़े नियमों में बदलाव किया जाता है इसको लेकर वर्तमान में किसानों और व्यापारियों द्वारा लिए जाने वाले लोन से जुड़े नियमों में बदलाव हुआ है।
आरबीआई ने सभी बैंकों को सख्त निर्देश भी जारी किए गए हैं जिसके अनुसार अब रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने एमएसएमई लोन के नियमों में बदलाव किया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश में लिए जाने वाले सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों को मजबूत बनाने के लिए आसानी से ऋण प्रदान करने के लिए यह नियम लागू किए गए हैं जिसके अनुसार संशोधित नियमों से पारदर्शिता बढ़ाना एवं उदारकर्ताओं के बोझ को कम करने के लिए फायदेमंद होगा इस बदलावों से बैंकों पर भी सख्ती से कार्रवाई होगी ताकि आरबीआई के निर्देशों का प्रभावी ढंग से पालन किया जा सके और सभी व्यक्तियों को आसानी से लोन प्राप्त हो।
लोन प्रक्रिया के लिए नए नियम
RBI New Rules के अनुसार अब छोटे ऋण के लिए किसी भी प्रकार के सोने और चांदी को गिरवी के तौर पर स्वीकार करने की भी अनुमति दी गई है इसमें ऋण यदि गिरवी मुक्त श्रेणी में आता है तो भी आप अपनी इच्छा के अनुसार सोने चांदी एवं सिक्कों को गिरवी रख सकते हैं वर्तमान में 11 जुलाई को जारी किए गए नोटिस के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि कृषि और व्यावसायिक ऋणों के लिए उधारकर्ता को सोना या चांदी के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इस नियम से अब आप अपने क्रेडिट को सुधारने और बेहतरीन शर्तों पर भी बातचीत करने के लिए व्यक्तिगत संपत्तियों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं एवं बिना गिरवी मुक्त ऋण के लिए भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
आरबीआई द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि बैंकों द्वारा ऋण प्राप्त करने वालों को गिरवी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा यह पूर्ण रूप से उधार कर्ता की इच्छा पर निर्भर होगा। इस नए नियम से छोटे व्यवसायों के लिए लोन की स्वीकृति आसानी मिल जाएगी एवं आरबीआई द्वारा वित्तीय संस्थानों के प्लॉटिंग दर ऋणों पर पूर्व भुगतान या फोरक्लोजर यानी अब लोन की समय अवधि से पहले पूरी राशि जमा करवाने पर लगने वाले शुल्क पर भी रोक लगा दी गई है। यह नियम एक जनवरी 2026 के बाद स्वीकृत एवं नए लोन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों पर लागू किया जाएगा। जिससे उदारकर्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा एवं उन्हें बिना किसी दंड के अपना ऋण समय से पहले भुगतान करने के लिए सुविधा प्राप्त होगी।
किसानों एवं व्यापारियों पर प्रभाव
वर्तमान में बढ़ते ऋण दर को अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिबंधित करके इस दर को कम करना है जिससे बाजार में बदलती ब्याज दरों का लाभ प्राप्त किया जा सके एवं नए डिजिटल ऋण के निर्देशों के अनुसार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अब क्रेडिट गारंटी योजनाओं द्वारा समर्पित ऋणों के लिए किसी भी प्रकार के डिफॉल्ट लॉस गारंटी व्यवस्था में प्रवेश के लिए प्रतिबंधित किया गया है जिससे संभावित ऋण में चूक होने के लिए अधिक प्रावधान रखने की आवश्यकता होगी एवं इससे वित्तीय स्टार्टअप को मजबूत बनाया जा सकेगा।
लोन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और खुदरा को ऋणों के लिए नए तथ्य प्रदान किए गए हैं जिसके अनुसार ऋण समझौते पर आसानी से समझने और उनके लिए योग्य प्रारूपों को प्रस्तुत किया जा सकता है जिससे ब्याज दर और वार्षिक प्रतिशत दर की लागत में भी शामिल की गई है।
आरबीआई द्वारा जारी किए गए बदलाव किसानों एवं व्यापारियों के लिए सकारात्मक बदलाव है इससे बड़े हुए प्रावधानों का बोझ कम होगा एवं दिशा निर्देशों के अनुसार सुलभ पारदर्शी एवं अनुकूल ऋण के लिए काफी फायदेमंद होगा।